नई पार्टी के लिए समिति गठित
नई पार्टी के लिए 5 से 7 सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति पार्टी की रूपरेखा तैयार करेगी और उसके सिद्धांतों को तय करेगी।
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि पंजाब आज नशे के दलदल में फंसता जा रहा है। धर्म परिवर्तन हो रहे हैं, किसानों के मुद्दे हैं और जेल में बंद सिखों की रिहाई का मसला भी है। हमारी पार्टी इन सभी मुद्दों का समाधान निकालेगी।
इतनी बड़ी जीत हासिल की थी अमृतपाल ने
अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब लोकसभा सीट पर 4,04,430 वोटों की बड़ी बढ़त हासिल की थी। चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा थे, जिन्हें 2,07,310 वोट मिले थे। जीत के बाद अमृतपाल सिंह की पत्नी और वकील उनसे डिब्रूगढ़ जेल में मिलने गए थे।
अप्रैल 2023 से जेल में बंद हैं अमृतपाल
अमृतपाल सिंह अप्रैल 2023 से जेल में बंद हैं। 23 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में हजारों की भीड़ अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन में घुस गई थी। इस दौरान पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ हुई।

18 मार्च को अमृतपाल अपने घर से फरार हो गए थे। इसके बाद उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने उन्हें मोगा से गिरफ्तार किया। उन पर एनएसए के तहत केस दर्ज कर असम के डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया।
जेल से लड़ा चुनाव और बने सांसद
अमृतपाल सिंह ने जेल में रहते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उनकी यह जीत काफी चर्चा में रही। अब नई पार्टी के गठन के साथ, पंजाब की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है।
पार्टी के मुख्य उद्देश्य
- नशे के खिलाफ लड़ाई: पंजाब में नशे की बढ़ती समस्या को खत्म करना।
- किसानों के मुद्दों का समाधान: कृषि कानूनों और किसानों के हकों की रक्षा करना।
- धार्मिक और सामाजिक मुद्दे: धर्म परिवर्तन और अन्य सामाजिक समस्याओं पर ध्यान देना।
- सिख कैदियों की रिहाई: जेल में बंद सिख कैदियों की रिहाई के लिए प्रयास करना।
क्या होगा नई पार्टी का असर?
अमृतपाल सिंह की नई पार्टी, अकाली दल वारिस पंजाब, प्रदेश में पहले से सक्रिय राजनीतिक दलों के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकती है। यह पार्टी मुख्य रूप से पंजाब के ग्रामीण और धार्मिक क्षेत्रों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
पार्टी का मुख्य उद्देश्य पंजाब की सांस्कृतिक पहचान और मौजूदा समस्याओं का समाधान करना है। माघी कांफ्रेंस में इसका ऐलान कर इसे मजबूत राजनीतिक शुरुआत दी गई है।